मगही भाषा
Wednesday, June 5, 2013
अबकी गर्मी कुछ जादे पडैत हव $ घर सेबहरे निकलला पर लगैत हव की सौऊंसे शरीर झुलस जायेत .....
फिर भी रोजी रोटी के चक्कर में घर से बहरे जाए परैत हव .....काहे की कमय्ब न त जिंदगी के गाड़ी
कैसे चल्तव ....
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment